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महोदय
निवेदन इस प्रकार है। कि आप के द्धारा जून 2012 का जो रिजल्ट घोषित किया गया है। वह छात्रों के हितो से खुलेआम खिलवाड़ है। महोदय आप भी जानते है। कि किसी भी खेल के बीच में उसे खेलने के नियम नहीं बदले जाते हैं । यह किसी एक छात्र का सवाल नहीं हैं इससे लाखों छात्रों का भविषय जुड़ा है। आप अधिक छात्र पास होने के तर्क पर हजारो छात्रों को फेल नहीं कर सकते। यदि कोई छात्र 55 प्रतिशत अंक ले कर नेट देने के योग्य कहलाता है। और 55 प्रतिशत लेकर नेट में इस आधार पर फेल कर दिया जाता है। कि पास छात्रों की संख्या ज्यादा हो जाएगी। आज बेरोजगारो के पास खाने के लिए पैसे नहीं है वह हर 6 महीने बाद इस पेपर की तैयारी में लगा रहेगा तो कमाये-खायेगा कब। क्या बेरोजगार युजीसी की जेबे भरने के लिए पेपर देता रहे। हम विदेशो की नकल तो खुब करते है। लेकिन अकल के साथ नहीं । विदेश मे कई देशो मे यदि छात्र 75 प्रतिशत उपस्थिति हो तो पास मान लिया जाता है और देश में परिक्षाएं आय का स्त्रोत है। किसी को भी छात्रों के हितो की कोई चिंन्ता नहीं। किस तरह की विड़बना है। कि हमारे नीति निरधारकों को अपने विश्वविधालयों से पास छात्रों की योग्यता में कमी नजर आती है और जब नेट के पेपर में अधिक छात्र पास होते है। तो प्रतिश्त बढ़ा कर उन्हे फेल कर दिया जाता है। युजीसी सिर्फ छात्रों को पेपर पास करने का प्रमाण पत्र देती है। कोई रोजगार नहीं । ऐसा लगता हैं। कि यदि अगले सत्र में पास छात्रों का गाफ और बढा तो यह प्रतिशत 90 या 100 तक भी पहँुच सकता हैं। पेपर पेपर किसी समस्या का हल नहीं है। जरुरत है। शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की अपनी कमियो को देखने की ना की छात्रों को परीक्षाआ के जाल में उलझने की आप से निवेदन है कि आप छात्रों के हितो मे ध्यान मे रख कर छात्रों से न्याय करेगें।
सभी छात्रों से निवेदन है। कि इस पत्र को युजीसी में सभी को मेल करें।
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